तोरा मन दरपन कहेलाये, तोरा मन दरपन कहेलाये
भले बूरे सारे कर्मो को, देखे और दिखाये…तोरा मन(2)
मन हि देवता, मन हि इश्वर, मन से बडा ना कोइ…(2)
मन उजियाला जब जब फ़ेले, जग उजियाला होये
इस उजाले दर्पण पर प्राणी, घूल डाल ना पाये…तोरा मन(2)
सुख कि कलिया, दुख के कान्टे, मन सबका आधार…(2)
मन से कोइ बात छूपे ना, मन के नैन हज़ार,
जग से चाहे भाग लिये कोइ, मन छे भाग ना पाऐ…तोरा मन(2)
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